India Army Started War Practice near Pakistan Barder

भारत ने पाकिस्तान सीमा पर इस्लामाबाद के आक्रोश को देखते हुए युद्धाभ्यास शुरू किए

भारतीय कमांडो फाॅर्स के पहले चीफ मेजर अशोक ढिंडरा के नेतृत्व में AFSOD यानि इंडिआस आर्म्ड फार्स स्पेशल ऑपेरारिओंस डिवीज़न  ने पकिस्तानी बॉर्डर के नज़दीक मिलिट्री एक्सरसाइजेज को अंजाम दिया। 2016 के बाद से आतंकी हमलों की श्रृंखला के बाद बढ़ते तनाव के बीच AFSOD का निर्माण हुआ। ये ड्रिल लास्ट वीकेंड के अंत में हुई और सूत्रों से  खबर है कि भारत और पाकिस्तान के संबंधो की परवाह न करते हुए आगे भी यूँ  ही जारी रहेगी।

पाकिस्तान अभी  भी चाहता है समझौता

2012 में भारतीय सारकार कमेटी ने डिफेन्स मैनेजमेंट से इस तरह की स्पेशल फाॅर्स का गठन करने की शिफारिश की थी। पिछले महीने में इस क्षेत्र में तनाव तब बढ़ गया था, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान द्वारा देशों के द्विपक्षीय संबंधों में हस्तक्षेप के लिए खरी खोटी सुनाई । पाकिस्तान द्वारा उनसे आग्रह किया गया कि वे इस मैटर के अंदर कदम रखें और स्थिति को अलग करें।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का हस्तक्षेप चाहते हैं इमरान खान

पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कश्मीर के विवादित क्षेत्र पर दो परमाणु शक्तियों के साथ हस्तक्षेप करने के लिए कहा, जो वर्तमान में “eyeball to eyeball” है। और, श्री ट्रम्प की टिप्पणी का जवाब देते हुए कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देश एक समाधान निकालने के लिए “एक साथ आ सकते हैं”, इसके बजाय पाकिस्तानी प्रधान मंत्री इमरान खान ने राष्ट्रपति से सीधे शामिल होने का आग्रह किया।

खूब बोले शाह मेहमूद खुरेशी

भारत और पाकिस्तान के बीच अपने मतभेदों को सुलझाने का एक तरीका खोजने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, कुरैशी ने कहा, “मुझे लगता है कि हम लगातार एक साल की कोशिश के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि यह सब व्यर्थ है।“

“इन कार्रवाइयों के बाद मुझे कोई द्विपक्षीय आंदोलन दिखाई नहीं देता । इस मुद्दे को हल करने का एकमात्र उपाए थर्ड पार्टी के माध्यम से ही संभव है”

“प्रेसिडेंट ट्रम्प यह भूमिका निभा सकते हैं उनका सिक्योरिटी कौंसिल पर गहरा प्रभाव जो कि शांति और सुरक्षा बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ट्रम्प यह भूमिका बखूबी निभा सकते हैं।“

“भारत ने इस एकतरफा, गैरकानूनी कार्रवाई से जो किया है, उसने क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।“

“दो परमाणु-सशस्त्र राज्य आमने-सामने, eyeball to eyeball जो कि बहुत खतरनाक स्थिति है।“

भारत की नाराज़गी का क्या है कारण?

इस साल दो पड़ोसी और पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जब से विवादित कश्मीर क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा किए गए एक आतंकवादी हमले में 44 भारतीय अर्धसैनिक पुलिस मारे गए।

जवाब में, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा चलाए जा रहे एक शिविर पर हवाई हमले का आदेश दिया जिसमें दावा किया गया कि 300 आतंकवादियों को मार दिया गया है, हालांकि इस्लामाबाद ने इससे इनकार किया है।

कुछ दिनों बाद ही पाकिस्तान के 5 F-16 विमानों को भारतीय सीमा की तरफ आते देख भारतीय वायुसेना के भी कुछ विमानों ने जवाबी कार्यवाई के लिए उड़ान भरी। जिसमे MiG-21 सवार विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने पाकिस्तान के एक F-16 विमान को पाकिस्तान की सीमा में ही धराशायी कर दिया परन्तु लौटते समय उनका MiG -21 भी दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विंग कमांडर अभिनंदन सुरक्षित समय से विमान से निकल गए थे परन्तु हवाओ के चलते वे पाकिस्तान बॉर्डर के अंदर लैंड हुए।  जहाँ पाकिस्तान ने उनको पकड़ लिया और भारत के दबाव के चलते पाकिस्तान को कमांडर को सही सलामत लौटना पड़ा।

हाल ही में, श्री मोदी ने धारा 370, भारतीय संविधान की धारा, जो कि कश्मीर और पड़ोसी जम्मू को विशेष दर्जा प्रदान करती है, को रद्द करके एक ऐतिहासिक कदम उठाया और वहीँ पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने इसे “ऐतिहासिक भूल” कहा।

सोमवार को बोलते हुए, श्री ट्रम्प ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर पर अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए एक साथ आ सकते हैं।

श्री ट्रम्प और इमरान खान संयुक्त राष्ट्र महासभा के किनारे पर मिले।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह के अंत में श्री मोदी से मुलाकात की।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *